15 सालों तक तेजस्वी के माता-पिता को जातीय गणना कराने और आरक्षण दायरा बढ़ाने से किसने रोका था- उमेश सिंह कुशवाहा

arun raj
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पटना:- बिहार जद(यू0) के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के जातीय गणना और आरक्षण में बढ़ोतरी वाले बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बिहार में 15 सालों तक लालू-राबड़ी का शासन रहा लेकिन तेजस्वी यादव का यह राजनीतिक दुर्भाग्य है कि वें अपने माता-पिता की उपलब्धियों पर वोट मांगने के बजायें श्री नीतीश कुमार के कामों को गिनाकर अपना चेहरा चमकाने की कोशिश रहें हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तेजस्वी यादव के बड़बोलेपन में अज्ञानता का गहरा प्रभाव दिखाई देता है। वें चाहें लाख झूठ फैला लें लेकिन पत्थर पर खींची लकीर की तरह यह बात अमिट सत्य है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की पहल से बिहार में जातीय गणना का काम पूरा हुआ और आंकड़ों के आधार पर आरक्षण में बढ़ोतरी की गई। राजद के शासन में विकास की मुख्यधारा से अलग हो चुके शोषित-वंचित समाज का आरक्षण दायरा बढ़ाकर श्री नीतीश कुमार ने उन्हें ताकत दी।

      श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने पूछा कि 1990 से 2005 तक तेजस्वी यादव के माता-पिता को बिहार में जातीय गणना कराने और आरक्षण दायरा बढ़ाने से किसने रोका था? बिहार की जनता ने जब राजद को 15 साल शासन करने का मौका दिया तो न उन्हें जातीय गणना की याद आई और ना ही उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़ा-अतिपिछड़ा भाइयों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया और आज राजद के लोग हमारे नेता के कामों पर बिना किसी भूमिका के झूठा श्रेय लेने में जुटें हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ तेजस्वी यादव आरक्षण के हिमायती होने का झूठा दावा करते हैं वहीं दूसरी ओर अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को दुत्कार कर अपने परिवार के सदस्यों को राजनीति में आगे बढ़ाते हैं। परिवारवादी मानसिकता से ग्रसित लोग कभी आरक्षण के हितैषी नहीं हो सकते हैं और जनता भी इस बात को समझ चुकी है।

     श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में जनता का विश्वास हासिल करने के लिए तेजस्वी यादव के पास जनहित को लेकर न कोई ठोस नीति है। साथ ही उनके माता-पिता के कार्यकाल में बिहार की जनता ने जंगलराज के भयावह मंजर को करीब से महसूस किया और झेला है। यही कारण है कि तेजस्वी यादव सहित पूरा राजद कुनबा 1990 से 2005 तक के अपने शासनकाल की चर्चा जनता के बीच करने की हिम्मत नहीं जुटाता हैं। ये लोग सिर्फ झूठ और दुष्प्रचार के सहारे वोट बिटोरने की मंशा पाले हुए हैं। लेकिन उनके इस नापाक कोशिश को बिहार की जनता कभी कामयाब नहीं होने देगी। विगत तीन चरणों में एनडीए की तरफ हुए एकतरफा मतदान से यह स्पष्ट हो चुका है कि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती। बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव के झूठ को सिरे से नकार दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी बिहार में राजद का खाता नहीं खुलेगा।

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