पटना:- “सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर वर्कशॉप – युथ फॉर क्लाइमेट चेंज,” यूनिसेफ़ बिहार और चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना (CIMP) द्वारा आयोजित की गई। इस कार्यशाला में छात्रों, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और संचार विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया, ताकि जलवायु संकट के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का सही उपयोग किया जा सके। सीआईएमपी पटना में हुई इस कार्यशाला ने सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जिससे युवाओं और समुदायों को जलवायु बदलाव को कम करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
जलवायु परिवर्तन आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, जिसका असर पूरी दुनिया पर हो रहा है। आने वाले समय में युवाओं को इस समस्या से निपटने में अहम भूमिका निभानी होगी। सोशल मीडिया, अपनी व्यापक पहुंच और प्रभाव के साथ, जलवायु मुद्दों पर जागरूकता फैलाने और लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का एक शक्तिशाली माध्यम बन चुका है। इस कार्यशाला में पटना और आसपास के जिलों से प्रमुख इन्फ्लुएंसरों को बुलाया गया, ताकि वे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में अपनी भूमिका और योगदान पर विचार-विमर्श कर सकें।
कार्यशाला में चर्चा की गई कि कैसे युवा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जलवायु परिवर्तन के समाधान को बढ़ावा दे सकते हैं और अपने साथियों को पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। विचारोत्तेजक चर्चाओं, व्यावहारिक सत्रों, और सहयोगात्मक अभ्यासों के माध्यम से, प्रतिभागियों ने यह जाना कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग पर्यावरणीय परिवर्तन को कम करने के शक्तिशाली साधन के रूप में कैसे किया जा सकता है।
कार्यशाला की शुरुआत सीआईएमपी के निदेशक प्रो. (डॉ.) राणा सिंह के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद यूनिसेफ़ बिहार के प्रोग्राम मैनेजर श्री शिवेंद्र पांडेय ने युवाओं को जलवायु परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाने और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए समाज में जागरुकता फैलाने की बात कही।
इस आयोजन में कई प्रेरणादायक सत्र शामिल थे, जिनमें यूट्यूबर श्री अनुज रमतरी ने सोशल मीडिया की शक्ति पर बात की। प्रतिभागियों ने ‘ब्रिंग बैक ग्रीन फाउंडेशन’ की सुश्री मुस्कान लोधी और ‘फिफ्टी-टू मीडिया’ के श्री आनंद कुमार के साथ व्यावहारिक सत्रों में भाग लिया। कार्यशाला के अंत में “सोशल मीडिया चैम्पियनशिप” की शुरुआत की गई, जिसे यूनिसेफ़ की कम्युनिकेशन विशेषज्ञ डॉ. पूजा ने लॉन्च किया। इस चैम्पियनशिप के तहत, युवा इन्फ्लुएंसर जलवायु परिवर्तन पर अपने पेज या चैनल पर वीडियो या कंटेंट बनाएंगे और उनकी रचनात्मकता की गुणवता को देखते हुए जो चुने जाएंगे उन्हें पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। यह कार्यशाला यूनिसेफ़ बिहार की एक बड़ी पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को जलवायु परिवर्तन के मुहिम में सक्रिय रूप से शामिल करना और उनकी आवाज़ों को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सबसे आगे लाना है।