मधुबनी : सीमावर्ती क्षेत्र के लौकहा स्थित नो मैंस लैंड के पास रास्ता भटक कर आए दो अमेरिकी नागरिक । वे दोनों नेपाल में घुसने की फिराक में थे। जानकारी के अनुसार दोनों अलग-अलग साइकिल पर सवार होकर आए थे। बॉर्डर पर पहुंचते ही वहां तैनात एसएसबी के जवानों ने उन्हें रुकने को कहा। भाषा को लेकर बात को समझने में थोड़ी कठिनाई हो रही थी लेकिन जवानों ने तुरंत असिस्टेंट कमांडेंट कुमार जय मिश्रा को खबर की। खबर पाते ही कमांडेंट मिश्रा ने तुरंत चेकपोस्ट पर पहुंचकर उन्हें इंटरसेप्ट किया और दोनों को कैंप में लाकर सघन जांच पड़ताल की। कमांडेंट मिश्रा के अनुसार, इंटेरोगेशन के दौरान दोनों के पास से टूरिस्ट वीजा, एयर टिकट, पासपोर्ट तथा अमेरिकी नागरिकता से संबंधित कागजात मिले। जांच के बाद एसएसबी ने अपने विभाग के ब्यूरो आफ इमीग्रेशन, नई दिल्ली को मामले की जानकारी दी । ब्यूरो आफ इमीग्रेशन, नई दिल्ली ने उनके सारे कागजात सही पाए। कमांडर ने कहा कि थर्ड कंट्री नेशन पर कार्रवाई का उन्हें कोई अधिकार नहीं है इसलिए उनके दस्तावेजों और सामानों की सघन जांच कर आईसीडी रक्सौल को सुपुर्द कर दिया गया । पूछताछ के दौरान दोनों अमेरिकी नागरिकों ने अपना नाम 37 वर्षीय हिल ब्रायन और 54 वर्षीय माइकल बताया , जो कैलिफोर्निया के निवासी हैं। उन्होंने आगे बताया कि वे फ्लाइट से सीधे कोलकाता उतरे थे और साइकिल से झारखंड होते हुए बिहार में प्रवेश किया था। उन्होंने कहा कि घूमने के लिए भारत आए थे, लेकिन गूगल से रास्ता का सही लोकेशन नहीं मिलने के कारण रास्ता भटक कर वे वहां पहुंच गए थे। पूछताछ के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें एवरेस्ट पर जाना था ।इससे पहले भी एवरेस्ट पर भी जा चुके हैं। इस पूरे मामले के दौरान जबतक सारे कागजातों की वैधता की जांच पूरी नहीं हुई तबतक एसएसबी जवान परेशान रहे। जांच के बाद उन्हें जाने दिया गया।