पटना:- इंडी गठबंधन पर हमला करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने आज कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए जहां जोशोखरोश से आगे बढ़ रहा है वहीं इंडी गठबंधन के नेता कुंभकर्णी निद्रा में व्यस्त हैं। अभी तक यह लोग सीट शेयरिंग का मुद्दा भी ठीक से नहीं सुलझा पाए हैं। इसी वजह से इनके कार्यकर्ताओं और टिकट के दावेदारों की बेचौनी बढती ही जा रही है। वह दिन दूर नहीं जब सपा की तरह इनके अन्य घटक दल भी अपने मन से अपने उम्मीदवार खड़े कर देंगे और चुनाव से पहले परिवारवादी ताकतों का यह ठगबंधन खंड-खंड होकर बिखर जाएगा।
इंडी गठबंधन के फेल होने का जिम्मेवार कांग्रेस को बताते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में यह गठबंधन परिवारवादी और अवसरवादी का जमावड़ा है, जिसमें हर कोई गठबंधन का सिरमौर बनना चाहता है। हर दल अलग-अलग राज्यों में एक-दूसरे का प्रतिद्वंदी है लेकिन लोकसभा में अपना अस्तित्व बचाने के लिए मजबूरी में साथ खड़े हैं। लेकिन अस्तित्व खतरे में होने के बाद भी कोई भी अपना घमंड कम नहीं करना चाहता। इसमें सबसे आगे कांग्रेस है, जो राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सारी मर्यादाओं को ताक पर रख रही है। कांग्रेस का घमंड इतना अधिक है कि वह साथी दलों को समुचित सम्मान तक नहीं देना चाहती। वास्तव में उसका यही घमंड इंडी गठबंधन के सभी दलों को ले डूबने वाला है।
उन्होंने कहा कि इस गठबन्धन में न तो आपसी संवाद है और न ही आपसी विश्वास। तमाम दल आपसी अंतर्विरोधों से घिरे हुए हैं। यही वजह है कि यह लोग एक मंच पर तो आ गए लेकिन आज तक एक कभी वे आपस में विश्वास नहीं बना सके। गठबंधन होने के बाद भी आज तक यह लोग एक भी साझा कार्यक्रम नहीं कर पाए हैं लेकिन एक दूसरे के खिलाफ बयान देने में सभी आगे रहे हैं। गठबंधन काम कैसे करेगा, उसका रोड मैप क्या होगा? विजन क्या होगा? जनता के बीच वे किस मुद्दे तक जाएंगे, इस बारे में सहमति तो दूर तो यह लोग कदम तो नहीं उठा पाए हैं। इससे स्पष्ट है कि इंडी गठबंधन अब सिर्फ नाम का रह गया है। चुनाव आते-आते यह लोग आपसी लड़ाई में ही