पटना:- जद(यू) प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता श्री निहोरा प्रसाद यादव, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा और मीडिया पैनलिस्ट डाॅ0 हुलेश मांझी ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा और उन्हें राजनीतिक अज्ञानी बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय जननायक कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानने का दावा करने वाले तेजस्वी यादव को ये भी पता नहीं है कि, कर्पूरी ठाकुर ने जब दूसरी बार साल 1977 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तभी उन्होंने साल 1978 में पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू किया था।
पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जननायक को लेकर कुछ बोलने से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को तथ्यों के बारे में पता लगा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर को अपने आदर्श मानने का झूठा दावा करने वाले लालू प्रसाद यादव सही मायनों में उनके बताए आदर्शों को भूल गए। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने हमेशा अति पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की और जननायक कर्पूरी ठाकुर के फैसलों पर सवाल उठाया।
इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव से कुछ अहम और गंभीर सवाल पूछे:
1. क्या ये सही नहीं है कि तेजस्वी यादव ने कर्पूरी ठाकुर के बिहार में आरक्षण लागू करने को लेकर दिए बयान पर अपनी राजनीतिक अज्ञानता दिखायी? उन्होंने कहा कि जब कर्पूरी ठाकुर पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तभी उन्होंने आरक्षण लागू किया था। जबकि सच्चाई ये है कि साल 1977 में दूसरी बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद कर्पूरी ठाकुर ने साल 1978 में पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू किया था।
2.क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के अति पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की? लेकिन मुख्यमंत्री माननीय श्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की कोशिशों का जमकर विरोध किया और कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फाॅर्मूले को जारी रखने की बात कही?
3. क्या ये सही नहीं है कि कर्पूरी ठाकुर के सपनों को बिहार में अगर कोई साकार किया है तो वो हैं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार। पंचायती राज, नगर निकाय में अति
पिछड़ा और दलितों के साथ सभी तबकों के महिलाओं को आरक्षण देकर उन्होंने उनके सपनों को पूरा किया। साथ ही शराबबंदी जैसे सामाजिक अभियान को भी कार्यरुप दिया।
4.तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या अपने 15 सालों के कार्यकाल में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की सरकार ने जननायक को भारतरत्न देने से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराकर केंद्र सरकार को भेजा था?
5.क्या ये सही नहीं है कि, लालू यादव खुद को कर्पूरी ठाकुर का शिष्य होने का दावा करते हैं लेकिन दो बार मुख्यमंत्री रहने के बाद भी कर्पूरी ठाकुर तो फकीर रह गए लेकिन लालू प्रसाद यादव का परिवार अरबपति बन गया ?
6.क्या ये सही नहीं है कि कर्पूरी ठाकुर परिवारवाद के खिलाफ थे लेकिन लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक कुनबे में इनका पूरा परिवार शामिल रहा है?
7. क्या ये सही नहीं है कि कर्पूरी ठाकुर पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा, लेकिन लालू प्रसाद यादव पर घोटालों के आरोप लगे ही नहीं बल्कि, सिद्ध भी हो गया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा तो आखिर किस मुंह से लालू प्रसाद यादव खुद को उनका शिष्य होने का दावा करते हैं?
पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि महज वोट के लिए आरजेडी जननायक के नाम का इस्तेमाल करना चाहती है जबकि लोगों को ये पता है कि किस तरह से लालू प्रसाद यादव ने जननायक के फैसलों का विरोध किया और उन्हें अपमानित करने का भी काम किया।