भगवान भोलेनाथ का ऐसा मंदिर जहां बट वृक्ष से अवतरित हुए हैं भगवान शंकर

arun raj
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आरा: भोजपुर जिले के पीरो प्रखंड के बाहरी महादेव धाम जो प्रकृति के सुरम्य में वातावरण में अवस्थित है  इस स्थान पर भगवान भोलेनाथ की उत्पत्ति बट वृक्ष के अंदर से हुई है सैकड़ो वर्ष पुराने इस मंदिर को मनोकामना धाम के रूप में जाना जाता है जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना मांगते हैं वह जरूर पूर्ण होती है शहर के कोलाहल से दूर प्रकृति के हरे भरे पेड़ों के बीच अवस्थित बाहरी महादेव का मंदिर प्राचीन मंदिर के रूप में जाना जाता है ।

पीरो से 3 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित बड़े भूखंड पर स्थापित इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त पूजा अर्चना करने के  पहुंचते हैं सावन एवं फाल्गुन मास में भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ पड़ती है।
वहीं इस मंदिर प्रशासन द्वारा मात्रा  251 रुपए में हर वर्ष हजारों लड़के लड़कियों की यहां शादी कराई जाती है पुराने समय में चेरो खरवार जनजाति के लोग यहां निवास करते थे 18वीं सदी में इन लोगों के द्वारा इस मंदिर की नींव रखी गई थी और दर्जनों गांव के लोगो का इस मंदिर निर्माण में योगदान है ।
वर्तमान में मुनिश्वरानंद उर्फ खपड़िया बाबा और स्वामी हरीहरानंद जी ने इसके वर्तमान स्वरूप को बदलने का प्रयास किया है स्थानीय लोगो की माने तो यहां सालों भर पूजा अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है और सावन  महीने में लाखों की संख्या में लोग पूजा अर्चना करने पहुंचते है।

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