जान खतरे में  डालकर टूटी हुई चचरी के सहारे स्कूली बच्चे और आम लोग आने जाने को है मजबूर

arun raj
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सीतामढ़ी:- केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर करोड़ों रुपए खर्च करती है और बच्चे विद्यालय में जाकर पढ़ाई भी कर रहे है लेकिन जब बच्चों को जान खतरे में डालकर स्कूल जाना पड़े तो यह बड़ी बात हो जाती है।
ताजा मामला सीतामढ़ी जिला का है जहां स्कूली छात्र – छात्राएं की जान खतरे में देखने को मिल रही है।
सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के पुरनदाहा राजवाड़ा स्थित झीम नदी पर बना चचरी का पुल टूटकर ध्वस्त हो चुका है लेकिन इसके  बावजूद भी स्कूली बच्चे टूटी हुई चचरी के ऊपर से स्कूल आते और जाते हैं जिसका वीडियो भी सामने आया है।
झीम नदी पर बनाया गया चचरी का पुल पूरी तरह टूट गया है चचरी के पुल के नीचे से पानी का तेज बहाव चल है  ऐसे में जान को खतरे में डालकर स्कूली बच्चे विद्यालय का आवागमन कर रहे है।

वहीं स्थानीय लोग भी टूटी हुई चचरी के सहारे आवागमन करने को मजबूर है 1 महीने पहले यहां डायवर्सन था जो बाढ़ के तेज पानी में टूट गया था जिसके बाद लोगों के पैदल अवागमन के लिए चचरी का पुल बनाया गया वह भी 10 दिनों के अंदर टूट कर ध्वस्त हो गया ।

अब यहां के लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन यही टूटी हुई चचरी का पुल है जिसके सहारे लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं चचरी टूटने के बाद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई  सुध नहीं लिया जा रहा है प्रशासन की ओर से टूटी हुई चचरी के पुल से आवागमन करने पर रोक भी नहीं लगाई गई है।
ऐसे में देखना होगा की इस मामले पर जिला के वरीय अधिकारी क्या करते है ।
हालांकि कुश मीडिया ट्वेंटी  फोर प्रशासन से अपील करती है कि इस चाचरी  पुल पर अविलंब ध्यान दे जिससे की कोई बड़ी घटना न घटे।वहीं लोगों से भी हमारा अपील होगा की इस टूटे चाचरी  पुल का उपयोग आवगमन के लिए नहीं करें।

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