22 जनवरी की बजाए रामनवमी को रामलला के मन्दिर का हो लोकार्पणः राजीव रंजन

arun raj
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पटना:- केंद्र सरकार को राम मन्दिर लोकार्पण की तिथि बढाने की सलाह देते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने आज कहा है कि 500 वर्षों के उपरांत राम मन्दिर का निर्माण ख़ुशी की बात है लेकिन केंद्र सरकार और भाजपा द्वारा इसमें भी राजनीति किया जाना क्षोभ का विषय है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक विषयों के कई जानकारों का मानना है कि आगामी 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त कुछ ही समय का है, जो राम मन्दिर के लोकार्पण जैसे महान कार्य के लिए उचित नहीं है। धर्मगुरुओं के मुताबिक रामनवमी का दिन इसके लिए सर्वाधिक शुभ है। भाजपा को बताना चाहिए कि धर्मगुरुओं के खिलाफ जा कर इतनी हडबडी में राम मन्दिर का शुभारंभ करने की वजह क्या है?

रामनवमी के महत्व के बारे में बताते हुए जदयू महासचिव ने कहा कि मान्यता है कि रामलला का अवतरण रामनवमी के दिन ही हुआ था। इसी दिन चैत्र में होने वाली दुर्गापूजा की महानवमी पड़ती है। सनातन धर्म को मानने इस दिन को काफी शुभ मानते हैं। हर घर पूजा होती है और नई ध्वजा का आरोहण होता है। ऐसे भी जानकारी के मुताबिक नये राम मन्दिर में प्रभु श्री राम बालरूप में प्रतिष्ठापित किये जा रहे हैं तो इसके लिए उनके अवतरण दिवस से बढ़िया दिन और कौन हो सकता है।

उन्होंने कहा कि रामनवमी को राममन्दिर के लोकार्पण से एक बड़ा लाभ यह होगा कि सरकार को बिहार के पुनौराधाम में माता जानकी के नये मन्दिर के निर्माण कार्यों को शुरू करवाने का अवसर भी मिल जाएगा। कम से कम राममन्दिर के शुभारंभ से पहले जानकी मन्दिर की पहली ईंट तो रखी ही जा सकती है। इससे न केवल माता सीता व प्रभु श्री राम को प्रसन्नता मिलेगी बल्कि इससे करोड़ों श्रद्धालुओं को भी ख़ुशी मिलेगी। इसलिए केंद्र सरकार को हमारी सलाह है कि राजनीति से परे हटते हुए इस विषय में गंभीरता से सोचे और सही निर्णय ले।

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