तिरुपति मंदिर प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलावट को लेकर घमासान मचा हुआ है। हिन्दू धर्म की आस्थाओं पर इसे करारा प्रहार बताया जा रहा है। इसी तरह बाबा रामदेव के पंतजलि दंतमंजन में भी मछली की हड्डी की मिलावट की बात सामने आई है। पंतजलि के शहद में भी मिलावट की बात सामने आई है।
जहां धार्मिक आस्थाओं की बात आती है तो हायतौबा मचती है। लेकिन अन्य खाद्य पदार्थों में की जा रही मिलावट को लेकर ऐसी हायतौबा क्यों नहीं मचती है? क्या यह हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा नहीं है ? क्या यह गंभीर मुद्दा नहीं है। हमें इस ओर भी सचेत होने की जरूरत है।
पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने एक बयान जारी करते हुए सरकार और आम आदमी से आग्रह किया है कि स्वास्थ्य से जुड़े इस गंभीर मुद्दे को लेकर भी जागरूकता की जरूरत है। मुनाफाखोरी के चक्कर में जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ अक्षम्य अपराध है।