मुजफ्फरपुर:- अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश और विदेशों में भी राम भक्तो में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है सभी राम भक्त प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी उत्साहित है हर राम भक्त इस क्षण को यादगार बनाने के लिए अपने अपने हिसाब से जुटे हुए हैं।
वहीं मुजफ्फरपुर के मूर्तिकार जयप्रकाश दिन रात एक कर एक माह से प्रभु राम की राम दरबार की मूर्ति बनाने में जुटे हुए हैं। और अब तक 700 से भी अधिक राम दरबार की मूर्तियों को बनाकर बेच चुके हैं।उसके बाद भी लोगो की डिमांड को देख अब पूरा परिवार इसमें जुट गए हैं। मूर्तिकार जयप्रकाश बताते हैं कि हमको यह उम्मीद ही नहीं था कि लोगो मे प्रभु राम के राम दरबार की मूर्तियों की इतनी मांग होगी। इसलिए अब हम किसी भी तरह से लोगो के द्वारा राम दरबार को बनाने में लग गए हैं ।
यह ऑर्डर अब अन्य जिले से भी आने लग गए हैं। इसलिए इसको हम अंतिम रुप दे रहे हैं।यहां रामदरबार की मूर्ति की डिमांड भी सबसे ज्यादा है। आलम यह है की माता सरस्वती की पूजा का काम अभी रोक देना पड़ा है।22 जनवरी को बस प्राण प्रतिष्ठा राम जी हो जायेगी उसके बाद सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तियों के निर्माण में लग जायेंगे।
माता सरस्वती की मूर्ति निर्माण के काम को तत्काल रोक बना रहे राम दरबार
मूर्तिकार जयप्रकाश कुमार बताते हैं कि अभी पूरा देश राममय हो गया है।22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पहले भक्त की भावनाएं को ध्यान रखा जाय।यह एक ऐतिहासिक दिन है। तो इसको छोड़ना ठीक नहीं है। ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारे पास राम दरबार के मूर्तियों की मांग आई है।इस दौरान पिछले दो माह से अधिक समय से इस कार्य में लगे हुए हैं। और इसको अंतिम रूप देने में 15 दिन लगते हैं और अब एक दो दिन में यह खत्म हो जाएगा।
पीएम मोदी के बड़े प्रशंसक है मूर्तिकार जयप्रकाश बना चुके है पीएम मोदी बैंक
मूर्तिकार जयप्रकाश कुमार को लेकर बता दें कि इसके पूर्व में पीएम मोदी की अनोखी मोदी बैंक मूर्ति को बना सुर्खिया बटोर चुके हैं। इसलिए अब भी पीएम मोदी की मूर्ति को पास में रख राम दरबार की मूर्तियों को बनाने में जुटे हुए हैं।और कहते हैं कि पीएम मोदी का भगवान राम को अयोध्या में मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उनके कार्य को भुलाया नही जा सकता है। इसलिए पीएम मोदी को अपना आदर्श मानते हैं।और वही इसके पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी की कई अनोखी मूर्ति को बना चुके हैं जिसको शहर से लेकर गांव तक खूब मांग थी।