गैर भाजपा शासित राज्यों में बिहार माॅडल की तर्ज पर जाति आधारित गणना कराने की मांग क्यों नहीं करते तेजस्वी: मनीष यादव

arun raj
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पटना:- जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता श्री मनीष यादव ने मीडिया में बयान जारी कर आरजेडी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि राज्य में जाति आधारित गणना कराने का झूठा श्रेय लेने की होड़ में तेजस्वी यादव लगे हैं। उन्होंने कहा कि ये हर कोई जानता है कि बिहार में जाति आधारित गणना कराने की परिकल्पना माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की थी।

उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने इसको लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पास करा इसे राज्य में पूरा कराने का काम किया। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं माननीय मुख्यमंत्री जी ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद अलग-अलग समुदायों की संख्या के हिसाब से राज्य में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की सरकार ने जाति आधारित गणना के आधार पर आर्थिक तौर पर कमजोर 94 लाख परिवारों को 2-2 लाख रुपए अनुदान देने की घोषणा की है।

प्रदेश प्रवक्ता ने सवाल पूछते हुए कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना का झूठा श्रेय लेने से पहले तेजस्वी यादव को ‘इंडी’ गठबंधन शासित राज्यों में जाति आधारित गणना क्यों नहीं कराई गई इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज आरजेडी और उसके नेता तेजस्वी यादव अपने खिसकते जनाधार को देख जाति आधारित गणना का श्रेय लेने की छटपटाहट में हैं लेकिन जनता आरजेडी की सारी सच्चाई जानती और समझती है और वो आरजेडी के झांसे में कभी नहीं आने वाली है।

पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने जाति आधारित गणना को पूरा करने के फौरन बाद केंद्र सरकार से राज्य में बढ़ी हुई आरक्षण सीमा के बढ़ाने के फैसले को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की गुजारिश भी की है। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ी हुई आरक्षण की सीमा के फैसले को हाईकोर्ट द्वार निरस्त करने के बाद माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की सरकार उस फैसले के खिलाफ लेकर सुप्रीम कोर्ट गई है और जद (यू0) सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले में सकारात्मक फैसले की उम्मीद करता है।

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