तेजस्वी यादव चुनावी भाषणों में अपने माता-पिता के 15 सालों की चर्चा करने से क्यों परहेज करते हैं: उमेश सिंह कुशवाहा

arun raj
arun raj
2 Min Read


पटना:- बिहार जदयू के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि चुनाव के दौरान कोई भी राजनीतिक दल अपनी उपलब्धियों को जनता के बीच प्रमुखता से रखता है और अपने किए गए कामों के आधार पर जनता से वोट माँगता है लेकिन राजद शायद देश-दुनिया की एकलौती ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो चुनाव में अपने 15 सालों के कार्यकाल की चर्चा करना मुनासिब नहीं समझती है।

 वहीं उमेश सिंह कुशवाहा ने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि तेजस्वी प्रसाद यादव चुनावी भाषणों में अपने माता-पिता के शासनकाल की चर्चा करने से परहेज करते है।् तेजस्वी प्रसाद यादव लगातार विभिन्न क्षेत्रों में जनसभा को संबोधित कर रहें हैं लेकिन उनके मुख से राजद के 15 सालों की उपलब्धियों को जानने के लिए आम जनता के कान तरस गए हैं। यह एक प्रकार से राजद की आत्म-स्वीकृति है कि लालू-राबड़ी का शासनकाल पूरे तौर पर असफल रहा है।

    प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजद के जंगलराज में सरकार संरक्षित अपराधियों द्वारा रंगदारी और लूट की घटनाओं के कारण बिहार में कई कल-कारखाने बंद हुए। नतीजतन प्रदेश के लोगों को जीवनयापन के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। तेजस्वी प्रसाद यादव रोजगार पर लच्छेदार भाषण देते हैं लेकिन बिहार की जनता को यह नहीं बताते हैं कि कल-कारखानों को बंद करवाकर युवाओं का रोजगार छीनने में सबसे बड़ी भूमिका उनके माता-पिता की रही है।

    साथ ही उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की कुशल नेतृत्व के कारण आज बिहार की कानून-व्यवस्था सदृढ़ होने से देश-दुनिया के निवेशक बिहार आ रहें हैं और नए-नए उद्योग लग रहें हैं। राजद के समय में बीमारू राज्य वाला बिहार आज देश में सबसे अधिक विकास दर से आगे बढ़ने वाला राज्य बना है। लालू-राबड़ी के शासन में बिहार का बेड़ा गर्क हुआ इसलिए राजद के लोग जनता के बीच 15 सालों की चर्चा करने से बचते हैं।

Share this Article