पटना सिटी:-पटना जिला सुधार के महासचिव व कांग्रेसकर्मी राकेश कपूर ने बताया कि पिछले दिनों अपने परिजनों के साथ सड़क मार्ग से भ्रमण के क्रम में गया जिले के गहलौर गांव से गुजरना हुआ। संलग्न तस्वीरों में दशरथ मांझी की मूर्ति और उनके द्वारा पहाड़ काट कर बनाई गई सड़क है।
राकेश कपूर ने स्थानीय लोगों से बात कर जाना कि पर्वत पुरुष के नाम से मशहूर दशरथ मांझी इसी गांव के भूमिहीन मजदूर थे। मजदूरी के लिए इसी पहाड़ के बीच बने एक ढेड़ फ़ीट संकरे रास्ते को पार कर दूसरी तरफ जाते थे। एक दिन उनकी पत्नी इसी रास्ते में फंस कर जख्मी हो गई और पानी का मटका फूट गया।
श्री कपूर ने कहा कि दशरथ मांझी ने प्रण लिया कि इस पहाड़ को काट कर रास्ता बनाएंगे। पूरे 22 सालों तक वे पहाड़ काटते रहे। रास्ता बना। उस समय यह उबड़ खाबड़ था। बाद में सरकार ने शानदार रास्ता बना कर इसे रमणीय बना दिया। मूर्ति की स्थापना कर बिहार सरकार ने उन्हें सम्मानित किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठा कर सम्मानित भी किया।
उल्लेखनीय है कि मेरे पत्रकार मित्र अरुण सिंह ने सबसे पहले 1989 में इनपर पहली रिपोर्ट लिखी थी। यह तब के देश के मशहूर पत्रिका धर्मयुग में छपी थी। दशरथ मांझी जी की स्मृति को नमन!