पटना:- देश के कर्जे में हुई ऐतिहासिक बढ़ोतरी के लिए मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों को जिम्मेवार बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने आज कहा है कि पिछले 9 वर्षों में मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है। हर खाते में 15 लाख देने का वादा तो यह पूरा नहीं कर सके लेकिन अपनी गलतियों से इन्होने देश को भयंकर मंहगाई और आसमान छूते कर्ज की आग में झोंक दिया है। हालात जल्द नहीं संभले तो देश की हालत पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी भी हो सकती है।
आंकड़े देते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के 67 वर्षों में 14 प्रधानमन्त्रियों के कार्यकाल में देश पर जितना कर्ज नहीं चढ़ा था मोदी सरकार ने देश को सिर्फ 9 वर्षों में उससे कई गुणे अधिक कर्ज के भार तले रौंद डाला है. 2014 में मोदी सरकार के आने के पहले देश पर 55 लाख करोड़ का कर्ज था, लेकिन सरकार की कर्जा लेकर घी पीने की आदत के कारण महज 9 वर्षों में इसमें 100 लाख करोड़ की अतिरिक्त वृद्धि हुई है. यानी आज देश 155 लाख करोड़ के कर्ज से दबा हुआ है. इसके बावजूद भाजपा के नेता जश्न मना रहे हैं. इनका यह रवैया देश का भयावह भविष्य दिखाता है. वास्तव में सरकार को इस मसले पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. जिससे देश हकीकत से वाकिफ हो सके.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि देश के माथे पर डाला गया यह कर्ज रूपी बोझ जीडीपी के 60 प्रतिशत से भी ज्यादा है. यदि इसमें राज्यों के कर्ज को जोड़ लिया जाए तो कर्ज बढ़कर जीडीपी का 93 प्रतिशत और कुल 195 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा. यानि 100 रुपए आय होने पर 93 रुपए पूरे कर्ज में चले जाएंगे. वहीं सरकार पर कर्ज का ब्याज अब हर साल 6.23 लाख करोड़ हो गया है. यानी कुल आय का 41 प्रतिशत ब्याज में ही देना होगा.
भाजपा नेताओं को चुनौती देते उन्होंने कहा कि देश को कर्ज के मकड़जाल में फंसा देने के बाद भी भाजपा नेताओं को इसका पछतावा तक नहीं है. आज भी यह बेशर्मी से सीना चैड़ा कर लोगों को अपनी झूठी उपलब्धियां गिना रहे हैं. इन्हें हमारी चुनौती है कि यदि उनमें हिम्मत है तो जनता को इस कर्ज के बारे में भी बत