ईद-उल-फितर के मौके पर गुरु गोरखनाथ परंपरा के तहत नाथ रहस्य (नाथ संप्रदाय) के मोहम्मद बोध का अपने सरकारी आवास पर सामूहिक पाठ किया । आसन मंत्र, गुरु वंदना, गणेश आवाहन एवं गायत्री मंत्र से पूजन प्रारंभ किया गया ।
नाथ संप्रदाय से दीक्षित व्यक्ति रमजान के दिनों में मोहम्मद बोध का पाठ करते हैं। इसमें कहा गया है कि राम तो रहीम है और हिंदू के गुरु मुस्लिम के पीर हैं । 786 बार जो पाठ करता है उसे मनोवांछित फल मिलता है। मैं तो योगी मॉडल वाली भाजपा को आईना दिखा रहे हैं। आज तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ ने भी मोहम्मद बोध का पाठ किया होगा, क्योंकि वह भी नाथ संप्रदाय से आते हैं ।
योगी जी तो 786 बार मोहम्मद बोध का पाठ करके मनोवांछित फल प्राप्त किया और मुख्यमंत्री बन गए । योगी जी नाथ संप्रदाय से दीक्षित हैं, कुंडल धारी हैं, अकेले में मोहम्मद बोध का पाठ भी करते हैं, तो आज कितना बेहतर होता कि इस के मौके पर कहते कि हम भी मोहम्मद बोध का पाठ करके आए हैं , जो सांझी संस्कृति का परिचायक है ।
भाजपा से सीधा सवाल है कि क्या यह सही है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी, गोरखनाथ संप्रदाय से दीद्विात महंथ व कुंडलधारी हैं जिनको रमजान की अवधि में मोहम्मद बोध का पाठ करना नाथ परंपरा का धार्मिक कर्तव्य है, तो फिर उनके बड़े नेता जब मोहम्मद बोध का पाठ कर अपने कर्तव्य का अकेला में पालन करते हैं, तो ऐसी कौन सी मजबूरी है कि भाजपा के योगी मॉडल वाले का सार्वजनिक पाठ करने से क्यों घबराते हैं ?
साथ ही साथ भाजपा से सीधा सवाल पूछा है कि नाथ संप्रदाय के उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी जी के धार्मिक आचरण व कर्तव्य से भाजपा सहमत है अथवा नहीं ?
मोहम्मद बोध का सामूहिक पाठ में शामिल होने वाले जदयू के प्रवक्ता राहुल शर्मा, अभिषेक झा, जदयू नेता धीरज कुमार सिंह, आयुष कुमार, मुकेश जैन, पंकज कुमार सिंह, दीपक कुमार, कमल किशोर सहित अन्य कार्यकर्तागण उपस्थित रहे ।