पटना:-भाजपा को निशाने पर लेते हुए पूर्व विधायक व जदयू नेता राजीव रंजन ने आज कहा है कि सामंती विचारों के नेताओं के हाथों नाच रही बिहार भाजपा आज अतिपिछड़े समाज के नेताओं की कब्रगाह बन गयी है। यह लोग अतिपिछड़े समाज के नेताओं को उनके समाज की भलाई करने का सब्जबाग दिखा बुलाती जरुर है, लेकिन आने के बाद न तो उन्हें काम करने की छूट मिलती है और न ही उन्हें पार्टी में आगे बढ़ने दिया जाता है।
उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि यह भाजपा की अतिपिछड़े समाज से घृणा ही है जिसके कारण इतने वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद भी इन्होने अतिपिछड़े समाज के नेताओं को कभी कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं दिया और जिन्हें दिखावे के लिए मंत्रिपद दिया भी गया, उन्हें ढंग से काम नहीं करने दिया गया।
दरअसल अतिपिछड़े समाज की बड़ी संख्या को देखते भाजपा उन्हें हमेशा झुनझुना पकड़ा कर अपने साथ रखना तो चाहती है लेकिन उन्हें वाजिब सम्मान देना उन्हें पसंद नहीं है।
इससे साफ है कि भाजपा को अतिपिछड़े समाज का वोट तो चाहिए लेकिन उन्हें उनका अधिकार देना नहीं चाहती।उन्होंने कहा कि वास्तव में कुछ नेताओं के चंगुल में फंसी भाजपा पूरी तरह अतिपिछड़ा विरोधी बन चुकी है। इनके नेता आज भी अतिपिछड़ा समाज के कार्यकर्ताओं को हेय दृष्टि से देखते हैं।
इनकी मंशा अभी भी अतिपिछड़े समाज को पहले के जमाने की तरह बंधुआ मजदूर बना कर रखने की है, इसीलिए यह अपने पार्टी के अतिपिछड़े नेताओं को गुलामों से अधिक तवज्जो नहीं देते। हकीकत में भाजपा में अतिपिछड़े समाज के नेताओं को जूते की नोक पर रखने की कोशिश की जाती है।
इनकी इसी मानसिकता से आहत होकर इनके अतिपिछड़े समाज के सबसे बड़े नेता और मोर्चा अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा दे दिया है, लेकिन भाजपा के नेताओं को इसका मलाल तक नहीं है। इनके इस अतिपिछड़ा विरोधी रवैए से पार्टी के लिए काम करने वाले इस समाज के अन्य नेता भी पशोपेश में पड़े हुए हैं।
उन्हें समझ में आ रहा है कि भाजपा के साथ रह कर वह अपने समाज के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं। वह जान चुके हैं कि भाजपा में उनकी हैसियत झंडा ढ़ोने वाले से अधिक नहीं है।पूर्व विधायक ने कहा कि अतिपिछड़ों को उनके हक से वंचित रखने के लिए भाजपा जातिगत गणना का विरोध करती आई है। यह चाहती ही नहीं इस समाज की वास्तविक संख्या पता चले. इन्हें डर है कि यदि इस समाज को अपनी असली ताकत पता चल गयी तो वह अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने लगेंगे, जो यह चाहते नहीं। भाजपा यह जान ले कि अतिपिछड़ा समाज को बरगला कर उनका वोट खींचने का भाजपा का षड्यंत्र हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे।