पटना:- राज्य के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान स्थित ‘कालिदास रंगालय’ में सुविख्यात लोक कलाकार स्व० भिखारी ठाकुर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित पुस्तक ” पिया गइले कलकतवा” का लोकार्पण किया गया। पुस्तक के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ विंदेश्वर पाठक ने कहा कि भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी लोक कला और साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की । वह जनमानस के कलाकार थे उनके कार्य से प्रभावित होकर ही राहुल सांस्कृत्यायन ने उन्हें भोजपुरी का शेक्सपियर कहा। आज भिखारी ठाकुर पर किरणकांत वर्मा ने किताब लिखकर बहुत ही सराहनीय काम किया है। आने वाली पीढ़ी यह किताब पढ़ कर भोजपुरी लोक कला पर भिखारी ठाकुर द्वारा किए गए उनके कार्यों को जानेगी। उन्हें अपनी लोक संस्कृति और लोक भाषा को जानने में सहूलियत होगी और वह अपनी विरासत पर गर्व कर सकेंगे। मैं किरण कांत वर्मा को उनके इस कृत्य के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं। अन्य विद्धवान वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्व० भिखारी ठाकुर की पर लिखी गयी यह पुस्तक पठनीय एवं संग्रहणीय है। आज के युवाओं को यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए ताकि उन्हें अपनी लोक संस्कृति और स्थानीय भाषा-बोली के संबंध में पता चल सके। यह पुस्तक छात्रों, कलाकारों और साहित्य प्रेमियों के साथ ही आम जन के लिए भी किसी अनूठे उपहार से कम नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार पद्मश्री श्री श्याम शर्मा, माननीय पूर्व मंत्री श्री श्याम रजक, विख्यात समीक्षक माननीय सदस्य बिहार विधान परिषद श्री राम वचन राय, बिहार गीत के रचयिता एवं वरिष्ठ साहित्यकार,अध्यक्ष बिहार हिंदी प्रगति समिति, कवि श्री सत्यनारायण, रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ0 विनय बहादुर सिन्हा, वरिष्ठ साहित्यकार एवं बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने स्व० भिखारी ठाकुर के जीवन से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी किरण कांत वर्मा ने इस पुस्तक की रचना की है। उन्होंने कई विधाओं में महारत हासिल कर रखी है। पटना विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में एम.ए एवं कानून में स्नातक की उपाधि लेने के बाद वे भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत बिहार के जनगणना निदेशालय में काम करना शुरू किया। उन्होंने कविता, रंगमंच एवं भोजपुरी सिनेमा में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है। ‘गिद्ध’,’ कर्फ्यू,’ ‘दुलारी बाई’ , ‘बड़ी बुआ जी’ एवं ‘खेला पोलमपुर’ आदि नाटकों का सफलतम निर्देशन किया तथा ‘बबुआ हमार’ , ‘कजरी’, ‘हक के लड़ाई’ एवं ‘हमार देवदास’ जैसी फिल्मों का लेखन एवं सफल निर्देशन किया । प्रदर्श कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान एवं विशिष्ट उपलब्धियों के लिए बिहार सरकार द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार 2018 से वे सम्मानित किए गए। वहीं भोजपुरी सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए किरण कांत वर्मा को सिने अवार्ड 2019 द्वारा जीवनभर की उपलब्धियों से सम्मानित किया जा चुका है। भिखारी ठाकुर पर आधारित ” पिया गइले कलकतवा” जैसी शोध परक पुस्तक की प्रस्तुति कला और साहित्य के प्रति इनके अद्भुत समर्पण को दर्शाता है। पूर्व एमएलए माननीय विनोद यादव, प्रो० माया शंकर पटना विश्वविद्यालय, सुविख्यात फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, विख्यात पटकथा लेखक ज्ञानेश श्रीवास्तव, प्रसिद्ध चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉक्टर किरण शरण, वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद वर्मा की गरिमामय उपस्थिति में किरणकांत वर्मा लिखित पुस्तक ” पिया गइले कलकतवा” का लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत अनुराधा प्रसाद द्वारा सरस्वती वंदना से हुई फिर मनोरंजन ओझा और उनकी मंडली द्वारा गायन की प्रस्तुति हुई। तत्पश्चात मंच पर चैतन्य प्रकाश वाइस प्रेसिडेंट सेंचर कंपनी बेंगलुरु, मानिक वर्मा सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एचडीएफसी ,कोलकाता, शरज आनंद सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट एचसीएल नई दिल्ली , तूलिका किरण मार्केटिंग कंसल्टेंट नई दिल्ली, स्टोरी टेलर मीरा वर्मा द्वारा लोकार्पण के लिए आये अतिथियों का पौधे देकर स्वागत किया गया। मंच संचालन की जिम्मेदारी सोमा चक्रवर्ती एवं आज़ाद दक्ष ने बखूबी निभाई।वरिष्ठ सीने समीक्षक श्री विनोद अनुपम ने धन्यवाद ज्ञापन किया।